AGHARIA SAMAJ BANSA & GOTRA अघरिया समाज बाँस और गोत्र The 44 family of Orissa were divided in different bansa and gotra which is given below for references and would be used in social caste rituals:- In Odia Click on the pic to get the clear image In Hindi Section Dana( Bansa) Barga( Gotra) 1. CHOUDHURY ------------------------ 1. Khita Komandala 2.Kumbha kalash Narad 3.Nahan Batushyam 4.Kuthi Aakraya 5.Hansa Angira 6.Thela Kapil 2.NAIK ------------ 1.Leonia Kumbhaj 2.Kalihari Bedabyasa 3.Jhijhori Sagar 4.Sirasanta Kashyap 5.Sanbira Yamadar 6.Chita Sankar 7.Gona Yamuna 8.Alkara Gajasekher 9.Sinduria Yantrika 10.Charpatta
AGRIA'S पारंपरिक लोक कथाओं के अनुसार PART - 1 – अघरिया राजपूत हैं, जो आगरा के निकट निवासरत थे जो लगभग 1550 ई0 में उड़ीसा व वर्तमान छत्तीसगढ़ में आए । -- तब वे दिल्ली के तत्कालीन शासक सिकंदर लोधी व आदिलशाह के अत्याचार से प्रताडि़त थे। -- अघरिया सोमवंशी राजपूत थे जो स्वभाव से स्वाभिमानी थे। -- वे राजा को भी बिना सिर झुकाए सलाम करते थे। -- जिससे राजा ने सबक सिखाने के लिए तीन तरीका चुना पहला – उन्हें कांधार युद्ध में झोंक दिया जाए, दूसरा – उन्हें धर्मातंरित कर मुस्लिम बना दिया जाव े, तीसरा – उनका सर कलम दिया जावे। इस आशय की पूर्ति के लिए मुगल शासक ने दरवाजा में गर्दन की ऊंचाई तलवार को आढ़े लटका कर बांध दिया ताकि सिर नहीं झुकाने पर गर्दन कट जावे और उनका वंश समाप्त हो जावे। -- परन्तु बुद्धिमान अघरिया ने राजा के चाल को भांप लिया और राजा के बुलावे में खुद न जाकर अपने दलित जाति के नौकर को अपने बदले राजा के दरबाज में भेजा, जहाॅं पर राजा ने नौकर के सिर को कलम कर दिया। -- राजा की अपने प्रति खराब मंशा को भाप कर अपने व उस दलित नौकर के परिवार को साथ लेकर अघरिया परिवार तत्काल
HISTORY OF AGRIAS PART - 2 Journey Towards ODISHA & CHHATTISGARH (Before reading this you must have to read Part - 1) - --अघरिया उसी समय से वर्तमान छत्तीसगढ़ व पश्चिमी उड़ीसा के सीमांत क्षेत्रों में निवासरत है। - --अघरिया का 84 परिवार वहां पर निवासरत थे जिन्हें ---84 घर अघरिया कहा गया जिनके वंशजों में ~ 6 परिवार ने चैधरी, ~60 परिवार ने पटेल तथा ~18 ने नायक का उपनाम धारण किया। --- इसमें 44 परिवारों ने पश्चिमी उड़ीसा तथा शेष परिवारों ने छत्तीसगढ़ के तत्कालीन बिलासपुर तथा रायगढ़ के सीमांत अंचलों में बस गए। ---उस समय उड़ीसा में हिंदू शासक राज्य करते थे। ~ तत्कालीन शासक गजपती राजा मुकुंददेव के पास अघरिया परिवार के मुखिया ने यहां बसने व जीवकोपार्जन को लेकर जगह की मांग की । ~ तब राजा ने उसके सामने दो विकल्प रखा, ----- -प्रथम रजत जडि़त तलवार व ------दूसरा – स्वर्णजडि़त लकड़ी का डंडा रखकर एक चुनने को कहा। --- तब अघरिया परिवार के मुखिया ने स्वर्णजडि़त लकड़ी के डंडे को चुना जिसके कारण राजा ने लकड़ी के हल के विकल्प के रूप में कृषि कार्य अर्थात हल चलाने का आदेश दिया। ---
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